अक्सर यह देखा गया है कि परिषदीय परीक्षाएं आते ही विद्यार्थियों में एक अनावश्यक दबाब बढ़ जाता है। यह दबाब विद्यार्थियों में समाज का, माता-पिता का, शिक्षकों का या तमाम उन सभी शुभचिंतकों का होता है, जो उनसे सर्वोत्तम की उम्मीद करते हैं। लेकिन यह मानसिक दबाब विद्यार्थियों के लिए अक्सर घातक होता है। इससे विद्यार्थी अपनी मेहनत के मुताबिक अच्छे अंक नहीं ला पाते हैं, साथ ही उसके मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका गहरा कुप्रभाव पड़ता है।
परीक्षाओं के दौरान विद्यर्थियों को निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जिससे परीक्षाओं में उनके अंक भी मेहनत के अनुरूप आएं तथा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहे-
● सबसे पहले तो विद्यार्थियों को अनावश्यक चिंता से खुद को दूर रखते हुए और तनाव रहित होकर परीक्षा देनी चाहिए।
● परीक्षाओं के दौरान सुपाच्य भोजन करना चाहिए और पानी अधिक मात्रा में पीना चाहिए।
● रात को ज्यादा देर तक नहीं जागना चाहिए। हो सके तो प्रातःकाल ब्रह्म-मुहूर्त में उठकर अध्ययन करना चाहिए। परीक्षार्थी को कम से कम 6-7 घण्टे की नींद अवश्य लेनी चाहिए।
● घर पर प्रश्नों का अच्छे से रिवीजन करें और टाइमर सेट करके उत्तर लिखने का प्रयास रफ काफी में बार-बार करते रहें। इससे आपके प्रश्न छूटेंगे नहीं और आप निर्धारित समयांतराल में पूरा प्रश्न-पत्र हल कर पाएंगे।
● परीक्षा देने से पहले लगभग 4-5 घण्टे अध्ययन न करें। इस समयावधि में खुद को तनाव मुक्त रखें।
● अपनी परीक्षा देने से संबंधित सामग्रियां (जैसे- पेन, हेडिंग पेन, प्रकार डिब्बा, प्रवेश-पत्र इत्यादि) रात सोने से पूर्व ही तैयार रखे। ताकि पेपर देने जाते वक्त अनावश्यक ढूंढ-खोज न करनी पड़े।
● अपने परीक्षा स्थल पर समय से लगभग आधे घण्टे पूर्व ही पहुँच जाएं।
● परीक्षा की उत्तर पुस्तिका में अपने अनुक्रमांक, विषय, प्रश्न-पत्र कोड, दिनाँक आदि को उचित स्थानों पर सफाई से भरें।
● प्रश्न-पत्र जब हाथ में आये तो सबसे पहले उसे ध्यान से पढ़े और समझें कि क्या पूछा गया है, फिर उत्तर लिखना प्रारम्भ करें। प्रश्न संख्या सही से लिखें।
● अपना हस्तलेख सुंदर रखें और कार्य साफ-सफाई के साथ कार्य करें। एक प्रश्न की समाप्ति और दूसरे प्रश्न के प्रारंभ में लगभग तीन पंक्तियों की जगह छोड़ें।
● मोटे और अच्छे हेडिंग-पेन का इस्तेमाल करें और अगर संभव हो पाए तो उत्तर लिखने के लिए फाउंटेन पेन का उपयोग करें। डॉट पेन या बॉल पेन का इस्तेमाल करने से बचें।
● महत्वपूर्ण जगहों पर अपने उत्तर को हाईलाइट या अंडरलाइन करें। इससे आपकी विषय वस्तु आकर्षक लगती है।
● अपने स्वास्थ्य और साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।
● पहला पेपर हो जाने पर दूसरे पेपर की तैयारी में शीघ्र ही जुट जाएं। पहले पेपर की विवेचना पर अपना समय बरबाद न करें।
● पेपर देने से कुछ समय पूर्व तक सहपाठियों से व्यर्थ की चर्चा करने से बचें।
● हमेशा आशावादी बनें। परीक्षा देने से पूर्व विद्या की देवी माँ शारदे का और अपने गुरुओं का स्मरण अवश्य करें। यह मान लें कि गुरुकृपा से बड़ा कोई आशीर्वाद नहीं होता।
याद रखें कोई भी परीक्षा हमारे जीवन की अंतिम परीक्षा नहीं होती। लेकिन हर परीक्षा को महत्वपूर्ण मानते हुए दिया जाना चाहिए। सकारात्मक सोच, ईमानदारी, कठिन मेहनत, निरंतर अभ्यास और आत्मानुशासन से किसी भी परीक्षा में सफलता प्राप्त की जा सकती हैं।
-प्रभात रावतⒸ 🌞
2 Comments
Nice
ReplyDeleteप्रशंसनीय और शिक्षाप्रद लेख।
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