अक्सर यह देखा गया है कि परिषदीय परीक्षाएं आते ही विद्यार्थियों में एक अनावश्यक दबाब बढ़ जाता है। यह दबाब विद्यार्थियों में समाज का, माता-पिता का,…
जंगल में चारों तरफ चहलकदमी थी। वातावरण एकदम से खुशनुमा, जैसे धरती पर स्वर्ग उतर आया हो। हवाएं बदली हुई सी और फ़िज़ाओं में मादकता घोले हुई अहसास कर…
जीवन के कुछ एक यथार्थ सत्यों में दो शब्द शामिल हैं- पसंद तथा सहानुभूति । व्यक्ति जिस भी चीज़ को पसंद करता है, उस चीज़ से उसे सहानुभूति होना लाज़मी …
जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना... अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाये.! ''गोपालदास नीरज'' जी की ये चंद पंक्तियाँ खुद में दीपावली की पूरी प…
हमारे पूर्वजों ने वर्षों पहले जो त्यौहार तथा नियम बनाये थे उनमें वैज्ञानिकता और व्यवहारिकता के साथ-साथ संस्कृति का समागम भी देखने को मिलता है।…
नाभिषेको न संस्कारः सिंहस्य क्रियते वने । विक्रमार्जितसत्त्वस्य स्वयमेव मृगेंद्रता।। अर्थात, सिंह को जंगल का राज़ा नियुक्त करने के लिए न तो कोई रा…
गांव से दूर एकांत में पहाड़ी पर एक बाबा रहा करते थे। पहाड़ी पर एक छोटी सी कुटिया। जिसमें कुछ टूटे हुए बर्तन, सोने के लिए बदहाल अवस्था में पड़ी हु…
कौन कहता है आसमाँ में सुरा ख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो.!!! विगत 28 मई 2020 को प्रख्यात शिक्षाविद् "सोनम वांगच…
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